100 +शुभ विचार इन हिंदी-Shubh Vichar in Hindi-Suvichar-Hindi Quotes-Anmol Vachan-Success Quotes in हिंदी महान पुरुषों की महान सुक्तिया ,अनमोल विचार , Suvichar
Shubh Vichar in Hindi-100 +शुभ विचार इन हिंदी-Satya Vachan-शुभ वचन
Suvichar in Hindi 2020 | अनमोल सुविचार हिंदी में – Best Quotes
शुभ विचार-Shubh Vichar in Hindi
कर्म ही कामधेनु है।
महात्मा गाँधी
देह जल से पवित्र होती है, मन सत्य से, आत्मा धर्म से औरबुद्धि मन से पवित्र होती है। पस्पर विरोधी बातों के बीच एकता कराने अधिक, कटिल काम कोई और नहीं है।
ओवेन डिक्सन
अन्याय को मिटाओ, लेकिन अपने आपको मिटाकर नहीं।
प्रेमचंद
कर्म ही मानव जीवन को पवित्र, अहिंसक और पूर्ण बनाता है।
-विनोबा भावे
चूंकि अपने कर्मों के फल से बचना असंभव है, इसलिए हम सत्कर्म करें।
-भगवान बुद्ध
संपूर्ण सद्कर्मो का मूल सत्य है।
जवाहर लाल नेहरु
शुभ विचार-Shubh Vichar in Hindi
जीवन में विजय प्राप्त करना जमी नहीं है, बल्कि ठीक से लड़ना आवश्यक है।
पियरे डी काऊ बरतिन
जो अपने परिश्रम से जीविका चलाता है तथा अन्यों का पोषण करता है, वही पथ-पदर्शन कर सकता है।
-गुरु नानक देव
अच्छा कर्म बुरे को काटता नहीं। दोनों का फल भोगना ही पड़ेगा।-रजनीश
कर्महीन मनुष्य शिक्षा के दान का अधिकारी नहीं हो सकता।
-विनोबा भावे
केवल वही व्यक्ति बेकार नहीं है जो बैठा रहता है, बल्कि वह भी बेकार माना जाएगा जिसकी योग्यता का पूर्ण लाभ नहीं लिया जाता।
-सुकरात
260 Best Motivational Quotes In Hindi- विचारकों के सुविचार
ईश्वर उसी के निर्वाह की चिंता करता है जो अपनी शक्ति-भर पूरा श्रम करता है और श्रम करने में प्रतिष्ठा समझता है।
-कृष्णदत्त
तुम निरंतर कर्म करते रहो, किंतु कर्म में आसक्ति का त्याग कर दो-यही ‘कर्म-योग’ है।
-स्वामी विवेकानंद
संसार में ऐसा कोई पहाड़, आकाश, समुद्र, स्वर्ग आदि नहीं हैं जहां पर किए हुए कर्मों का फल न मिलता हो।
-योगवासिष्ठ
कर्मयोग के अनुसार बिना फल उत्पन्न किए कोई भी कर्म नष्ट नहीं हो सकता। प्रकृति की कोई भी शक्ति उसे फल उत्पन्न करने से नहीं रोक सकती।
-स्वामी विवेकानंद
कर्म, ज्ञान और शक्ति इन तीनों का जिस जगह सेवन होता है, वही श्रेष्ठ पुरुषार्थ है।
-महर्षि अरविंद
शुभ विचार-Shubh Vichar in Hindi
परमात्मा सब प्राणियों को रोटी-पानी देता है, परंतु इनको उनके घरों में नहीं फेंकता है।
-अज्ञात
प्रकृति को अपने विकास में रुकना नहीं आता, इसलिए अकर्मण्यता पर वह अपना अभिशाप जताती है
गेटे
जिस व्यक्ति ने कल्पना के महल नहीं बनाए, उसे वास्तविक महल की उपलब्धि कभी नहीं हो सकती।
-निवेदिता
कुछ कर्म स्वभाव से ही करने योग्य नहीं होते, उसी प्रकार वे भी करने योग्य नहीं होते, जिनमें किया गया पुरुषार्थ निष्फल हो।
–महात्मा विदुर
अपने लक्ष्य को मत भूलो अन्यथा जो कुछ मिलेगा केवल उसमें संतोष करना पड़ेगा।
-बर्नार्ड शॉ
प्रयत्न देव है व भाग्य देवता है। इसलिए प्रयत्न देवकी उपासना काम ही श्रेयस्कर है।
–समर्थ रामदास
Anmol Vachan in Hindi-अनमोल वचन हिंदी ( Best 200+)
कर्म ही पुरुष है और पुरुष ही कर्म है। ये दोनों इस प्रकार अभिन्न है जैसे बर्फ और उसकी शीतलता।
योगवासिष्ठ
संसार के समस्त संबंध तथा पदार्थ क्षणिक हैं, केवल अपना कर्म ही शेष रहता है।
–धनंजय
कार्य को अच्छी तरह करने के लिए उसमें रस लेना चाहिए और कार्य में रस आए इसके लिए कर्म आपकी पसंद का होना चाहिए। जिन लोगों ने राष्ट्र, संस्कृति जैसे निर्माण के बड़े-बड़े कार्य किए हैं वे सभी तत्पर और जागृत कार्यकर्ता थे, जय-जयकार के फेर में न पड़कर, अच्छे फल के लिए कोशिश कीजिए।
-विट्ठलदास मोदी
काम ही भावनाओं का आग्रज होता है।
–डॉ. जॉर्ज डब्ल्यू क्रेन
शुभ विचार-Shubh Vichar in Hindi
इससे बड़ी कोई घातक भूल नहीं हो सकती कि हम किसी मंजिल को अंतिम लक्ष्य समझें या किसी पड़ाव पर अधिक देर तक ठहरे रहें।
–महर्षि अरविंद
अच्छाई से नजदीकी और बुराई से दूरी बनाकर कर्म करने में ही भलाई है।
–अज्ञात
कर्महीन मनुष्य शिक्षा का, दान का अधिकारी नहीं हो सकता।
-अज्ञात
देश कभी चोर-उच्चकों की करतूतों से बरबाद नहीं होता, बल्कि शरीफ लोगों की कायरता और निकम्मेपन से होता है।
-शिव खेड़ा
Shubh Vichar in Hindi
अपने अंदर निवास करो, बाहरी घटनाओं से विचलित न हो।
–अज्ञात
जो जान गया है कि उससे भूल हो गई और उसे ठीक नहीं करता वह एक और भूल कर रहा है।
-कन्फ्यूशियस
श्रम और पूंजी एक-दूसरे पर आश्रित हैं। पूंजी श्रम के बिना नहीं पनप सकती और श्रम का पूंजी के अभाव में कोई अस्तित्व नहीं।
-पोप लियो
शुभ विचार-Shubh Vichar in Hindi
जिनके पास अपनी शक्ति नहीं, उन्हें भगवान भी शक्ति नहीं देता। शक्तिआत्मा के अंदर से आती है, बाहर से नहीं।
–सुदर्शन
जब मनुष्य का युद्ध अपने-आपसे आरंभ होता है तब उसका कुछ मूल्य होता है।
-ब्राउनिंग
चंद्रमा के लिए छलांग लगाइए, अगर आप चूक भी गए तो सितारों के बीच होंगे
–लेस ब्राउन
Best Anmol Vachan in Hindi with Images-200+अनमोल वचन
जब जीवन का पथ उबड़-खाबड़ हो तब अपने मस्तिष्क को सहज रखें। जैसे कि पहाड़ों से फूटकर पानी निकलता है और एक शांत जलधारा में मिल जाता है।
–अज्ञात
पुरुषार्थी बढ़ते हैं और सिद्धियां पाते हैं। अकर्मण्य पिछड़ते हैं और प्रगति से वंचित रह जाते हैं।
-अज्ञात
अग्नि सोने को परखती है और आपत्ति वीर पुरुषों को।
“अज्ञात
विपदाएं ऐसी परीक्षाएं हैं जो हमें मजबूत बनाने, मनोबल को परखने व जीवट को जांचने के लिए आती है।
–अज्ञात
ईश्वर की पूजा सत्कर्मों के पुष्पों से की जाती है।
-अज्ञात
शुभ विचार-Shubh Vichar in Hindi
आपत्तियों की अग्नि हमारी हड्डियों को फौलाद जैसी मजबूत बनाती है।
-अज्ञात
अच्छे से अच्छे के लिए प्रयास करें, बुरी से बुरी परिस्थितियों के लिए तैयार रहें।
-अज्ञात
उत्कृष्टता इसी में है कि सामान्य से अलग हटकर कार्य पूर्ण करें। हम न केवल योजना बनाएं और कार्य करें, वरन स्वप्न भी देखें और उन्हें आत्म-कल्याण के लिए गुण, कर्म और स्वभाव का परिष्कार आवश्यक है।
-अज्ञात
कुरीति के अधीन रहना कायरता है और उसका विरोध करना पुरुषार्थ।
-अज्ञात
काम उद्यम से सिद्ध होते हैं, मनोरथ से नहीं।
-अज्ञात
शुभ विचार-Shubh Vichar in Hindi
कार्य को उदारतापूर्वक करना ही उसका इनाम पाना है।
-अज्ञात
मार्ग उन्हीं का अवरुद्ध रहता है, जो अपने ऊपर भरोसा नहीं करते।
-अज्ञात
उत्तम कृत्य स्वयं फल है।
-अज्ञात
जो लोग कभी कोई काम नहीं करते हैं उन्हें कभी भी अवकाश नहीं मिलना चाहिए।
-सैमुअल
Shubh Vichar in Hindi
अनंत संभावनाओं के बावजूद पहाड़ के नीचे विश्राम करने की बजाय शिखर तक पहुंचे बगैर चैन से मत बैठो।
-मिलर
जब तक प्रकाश है आगे बढ़ते रहो, अन्यथा अंधकार हमें घेर लेगा।
–बाइबिल
शुभ विचार-Shubh Vichar in Hindi
सबसे अच्छा मनुष्य वह है जो अपनी प्रगति के लिए सबसे अधिक श्रम करता है।
-सुकरात
कठिनाइयां और परीक्षा ही मनुष्य का निर्माण करती हैं वे उन्नति की चिह्न हैं। यदि प्रत्येक नवयुवक के पास पर्याप्त हो और वह यह कभी न जान सके कि जीवन कीआवश्यकताओं को पूरी न कर सकना कैसा होता है तो परीक्षा का समय आने पर वह अपने में कभी अनुभव करेगा।
-महात्मा गांधी
हिंदी सुविचार – Suvichar in Hindi with Images -50+ best -Hindi Quotes
मनुष्य जन्म से न तो मस्तक पर तिलक लगाकर आता है, न यज्ञोपवीत, जो सत्कर्म करता है वह द्विज और जो कुकर्म करता है वह नीच।
-भगवान बुद्ध
ईमानदारी से किया गया परिश्रम सफलता को और समीप ला देता है।
–अज्ञात
जिसके पास धीरज है, जो मेहनत से नहीं घबराता, कामयाबी उसकी चेरी
-अज्ञात
जीव अपने पुरुषार्थ के कारण ही पुरुष कहलाता है।
-योग वासिष्ठ
सफलता तो तभी मिलती है जब आप अपनी कल्पना के ढांचे में कर्म का रंग भी भरें।
-स्वेट मार्डेन
शुभ विचार-Shubh Vichar in Hindi
प्रत्येक अच्छा कार्य पहले असंभव नजर आता है।
-कार्लाइल
यद्यपि सब एक ही मिट्टी के बने हैं, तथापि कुछ आदेश देते हैं और कुछ उसका पालन करते हैं।
-लांगफेलो
दुर्भाग्य हमेशा उसी दरवाजे से आता है, जो हम खुला छोड़कर रखते हैं।
–लोकोक्ति
उत्साह आदमी की भाग्यशीलता का पैमाना है।
-तिरुवल्लपुर
किस्मत जिसे दुलार करता है, उसे पूरा बना देती है।
बेकन
बालक का भाग्य सदैव उसकी माँ द्वारा निर्मित होता है।
नेपोलियन
शुभ विचार- Aaj Ka Shubh Vichar in Hindi
भाष्य पुरुषार्थ के पीछे चलता है अर्थात पुरुषार्थ के द्वारा भाग्य अनुकूल हो जाता है।
चाणक्य
भाग्य क्या है। भूत में किए गए कर्म। इसलिए प्रपल से भाग्य पलटा जा सकता है।
-महर्षि रमण
अभिमान और घृणा ही भाग्य को रोककर नष्ट करते हैं।
–अज्ञात
भाग्यवादी सिद्धांत कायर पुरुषों का है।
-अज्ञात
महान उद्देश्य से शासित व्यक्ति को भाग्य नहीं रोक सकता।
-अज्ञात
अपने पुरुषार्थ से अर्जित ऐश्वर्य का ही दूसरा नाम सौभाग्य है।
-अज्ञात
Subh Vichar in Hindi – विचार इन हिंदी
विचार मानव को सत्यता व असत्यता के बीच फर्क को बतलाता है |
# एक विचार ही मनुष्य को अन्य जीवों से अलग करता है |
# जब विचार और परिश्रम में मित्रता गहरी हो तो सफलता निश्चित है |
# विचार सफलता की पहली सीढ़ी है |
# विचार की एक बूंद सैलाब लाने का माद्दा रखता है।
# Subh Vichar in Hindi @
Shubh Vichar Shayari
# मेरे जस्बातों ने समंदर चीर दिया
तेरी रुखसत क्या चीज है
हम हवाओं को मोड़ने का माद्दा रखते हैं
बोल की तू चीज क्या है |
# एक सोच ही थी कुछ अर्शे पहले मेरे संग
आज मेरे मेहनत ने काबिल बना दिया |
डगमगाए होते पैर मेरे अगर
जब तू मेरे संग न होता |
Aaj ka Shubh Vichar-आज का शुभ विचार
सांसरिक सफलता आत्मा को प्राप्त करने का साधन नही है।
स्वामी रामतीर्थ
जो व्यक्ति अपने साथियों से जल्दी सौकर उठता है और अपने स्वास्थ्य की सीमाओं की चिंता न करके अधिकाधिक काम करता है, अंत में जरूर विजयी होता है। -डडले फिल्ड
जो व्यक्ति अपने कार्य में ईमानदार है, उन्हें यह समस्त संसार पुरस्कार के रूप में दिया जाता है। -राबर्टसन
यदि मनुष्य में उत्साह और जोश नही, तो उसमें कुछ नहीं। – मोण्ट्रेन
जब कोई मानव अपने काम में अपना समस्त हृदय समो देता है और पूर्ण प्रयास करता है, तो उसे शक्ति और उत्साह का अनुभव होता है। यदि वह उसी काम को किसी अन्य तरीके से करता है, तो उसे ऐसी शान्ति व उत्साह कभी भी हासिल नही होते। -इमर्सन
तू जहां भी है, पूरी तरह वहीं का होकर रह। -गेटे
यह ठीक है कि कुछ नौकाएं ऐसी भी होती हैं,जिन्हे ठीक प्रकार से गंतव्य दिशा की ओर नहीं चलाया जाता, पर जो व्यक्ति स्थिर मन से, कभी उधर तथा उधर जाता है और कोई निश्चय नहीं कर पाता, उसे उसकी जीवन यात्रा के पूरा होने से पहले ही अस्थिर विचारों के थप्पड़ उठाकर ना जाने कहां पर फेंक देंगे ।
प्रतिभाशाली व्यक्ति जिन शुद्ध विचारों को संसार में फैलाने हैं, उनसे संसार में परिवर्तन आता है।-इमर्सन
आपको इतने जोर से बोलने की क्या आवश्यकता है ?आप जो कुछ बोल रहे हैं, मैं उसे सुन नहीं सकता , क्योंकि मैं तो आपके आकार प्रकार से उत्पन्न होने वाला वातावरण में भागीदार बन चुका हूं अर्थात में उसी के द्वारा आपको समझ रहा हूँ। -इमर्सन
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